नागौर किला । राजस्थान को वैसे तो किलों और दुर्गों का राज्य कहे तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी क्योंकि यहाँ एक तरफ सभी दुर्गों का राजा चितौड़गढ़ किला है तो दूसरी तरफ भारत की उत्तरी सीमा का प्रहरी सोनारगढ़ यानी जैसलमेर किला है, इसी श्रेणी में आज हम आपको इस लेख में नागौर किले की जानकारी देने जा रहे है आशा है आपकों पंसद आएगी ।
नागौर किले का इतिहास । Nagaur Fort History in Hindi
भारत के सबसे प्राचीन किलों में से एक नागौर किला एक नागौर शहर में एक पहाड़ी की समतल भूमि पर निर्मित है । इस किले का निर्माण प्राचीन क्षत्रियों की शाखा नागवंशी क्षत्रियों ने करवाया था, नागवंशी क्षत्रिय महाभारत काल के समय पाए जाते थे । अब आप ही सोच लो यह किला कितना प्राचीन होगा । मुगल काल मे यह किला मारवाड़ के वीर योद्धा अमरसिंह राठौड़ के अधीन था ।
नागौर किले को इतिहासकार दूसरी शताब्दी में निर्मित हुवा मानते है किंतु इसका प्रमाण कही भी उपलब्ध नही हुवा है अभी तक । इस किले को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे अहिच्छत्रगढ़ किला, नागणा दुर्ग, नाग दुर्ग आदि । वर्तमान किले को मुगलकाल में पुनः निर्मित किया गया था ताकि युद्ध के समय उपयोग किया जा सके ।
नागौर किले की सरंचना – Nagaur Fort
राजस्थान में करीब सभी किलों की बनावट और संरचना अच्छी पाई जाती है , वैसे ही नागौर का किला देखने मे अतिसुन्दर और मनमोहक है । इस किले में कई महल और ऐतिहासिक छतरियां बनी हुई है, जिनकी बनावट देखते ही बनती है ।
नागौर किला विश्व प्रसिद्ध है रानी महल और बादल महल एवं शीश महल की अद्भुत कारीगरी के कारण । समतल भूमि पर बने नागौर किले की दीवारें बहुत ऊंची निर्मित है, और किले का आंतरिक परिसर बहुत विशाल भाग में फैला है । इस किले में छह द्वारों का निर्माण किया गया है ।
नागौर का प्राचीन इतिहास
राजस्थान का एक महत्वपूर्ण शहर और जिला है नागौर । इतिहास की दृष्टि से नागौर का महत्वपूर्ण स्थान रहा है, नागौर का उल्लेख प्राचीन द्वापर युग मे भी पाया जाता है । इसका प्राचीन नाम अहिछत्रपुर था । द्वापर युग से भी पुराने कालखण्ड के नागवंशी क्षत्रियों ने निर्माण करवाया था नागौर किले को । नागवंश का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है जो द्वापर युग से भी सैकड़ो वर्ष पहले हुवा करते थे ।
नागौर किला और महाभारत सम्बन्ध
ऐतिहासिक तथ्यों के आधार महाभारत के समय काल पर नागवंशो और पश्चिमी क्षत्रियों के बीच सत्ता को लेकर भयकर टकराव हुवे थे, इस युद्ध मे नागों का विनाश हो गया था । इसके बाद नागवंश को यहां से पलायन करना पड़ा था । किन्तु इतिहास में एक फिर नागवंश का उदय हुवा था । जब मध्य भारत के मगध में गुप्त वंश का उदय हुवा था तब उनके साथ-साथ नाग एक बार फिर उठे । किन्तु गुप्तों के अधिक शक्तिशाली होने से नाग पहले जैसे अपना वर्चस्व नही बना पाए और छोटी रियासतों तक ही सीमित हो गये ।
नागौर किले में प्रवेश के द्वार – Nagaur Fort Ke Andar Jane Ke Dvar
इस मनमोहक नागौर किले में 6 द्वार बने हुवे है, जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है । किन्तु मुख्य रूप से तीन द्वारों का उपयोग किया जाता है किले में प्रवेश हेतु । इनके नाम क्रमशः सिराईपोल, बिचली पोल, कचहरी पोल, सूरजपोल, धूपीपोल और राजपोल हैं ।
- किले का सबसे महत्वपूर्ण द्वार है सिराई पोल यह किले का मुख्य प्रवेश द्वार है ।
- जब आप किले में प्रवेश करते है तब थोड़ा आगे चलने पर आता है बिचली पोल यह किले का मध्य प्रवेश द्वार है ।
- नागौर किले का तीसरा महत्वपूर्ण द्वार है कचहरी पोल या कोर्ट गेट । यह न्यायपालिका घर के नाम से भी जाना जाता है ।
नागौर किले में घूमने का अच्छा समय | Best Time To Visit Nagaur Fort in Hindi
थार मरुस्थल के निकट स्थित होने के कारण नागौर किले के आस-पास वातावरण थोड़ा गर्म ही रहता है, वैसे तो वर्ष के किसी भी समय मे यहाँ भर्मण कर सकते है । किन्तु मानसून के समय यहाँ की यात्रा करना सबसे उचित है । मानसून के समय यहाँ का मौसम सुहावना हो जाता है और सभी तरफ हरियाली विद्यमान हो जाती है जो पर्यटकों के मन को मोह लेती है ।
वर्षा ऋतु में यहाँ का तापमान बाकी महीनों की तुलना में बहुत कम होता है, इसलिए अगर आप जुलाई से सितंबर के बीच अगर नागौर में घूमने का प्लान बनाये तो बहुत अच्छा अनुभव आपको प्राप्त होगा ।
नागौर किला कैसे पहुँचे – How To Reach Nagaur Fort In Hindi
राजस्थान के अहम भाग नागौर शहर में बना है यह सुंदर नागौर किला । अगर आप यहाँ घूमना चाहते है तो चिंता ना करे क्योकि यातायात के सभी तीनों मुख्य मार्गो से आप नागौर पहुंच सकते है । आइये जानते है कैसे पहुँचे नागौर किले तक ।
- आप हवाई मार्ग से भी नागौर किले तक आसानी से पहुँच सकते है, नागौर से सबसे नजदीक हवाईअड्डा जोधपुर में स्थित है जो करीब 140Km दूरी पर है। आप यहाँ से 2 घण्टे में नागौर पहुँच सकते है ।
- नागौर राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला और शहर है इसलिए सड़क मार्ग से यह सभी मुख्य रास्तों से जुड़ा हुवा है । आप जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर जैसे सभी बड़े शहरों से सड़क मार्ग द्वारा बस या टैक्सी से आसानी से जा सकते है ।
- नागौर जिला होने के कारण रेल मार्ग से भी जुड़ा हुवा है, यहाँ भारत के लगभग सभी बड़े शहरों से सीधी रेल मिल जाती है जैसे दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर और कोलकाता ।
नागौर किले से अलावा अन्य घूमने के नजदीकी स्थान
वैसे तो नागौर जिले में बहुत सी घूमने लायक जगह है, किन्तु सबसे नजदीक सैंड ड्यून विलेज है जो चारों तरफ रेतीले टीलों के मध्य एक स्वर्ग सा प्रतीत होता है । नागौर से करीब एक और स्थान है जहाँ घूमने के लिए विदेशो से भी पर्यटक आते है वह स्थान है खीमसर गांव ।
नागौर के पास ही मौजूद है रियासती ठिकानों का सिरमौर कुचामन किला । जो एक ऊंची पहाड़ी पर विशाल दुर्ग दीवारों से शुशोभित एक अत्यंत मनमोहक किला है । कुचामन किले में कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है ।
FAQ’s
नागौर किला किसने और कब बनाया था?
नागौर किले का निर्माण नाग वंश के क्षत्रिय राजाओं ने दूसरी शताब्दी से भी पूर्व करवाया था । इसीलिए इसे नाग किला या नागणा किला भी कहाँ जाता है । इसके वर्तमान स्वरूप को बनाने का श्रेय राजराजेस्वर बख्तसिंह जी को माना जाता है ।
महाभारत के अर्जुन का नागौर किले से क्या संबंध है?
महाभारत काल मे नागौर किला अनेक युद्ध मे सक्रिय था, इसी एक कथानुसार यह किला अजुर्न से विजय करके अपने गुरु द्रोणाचार्य को उपहार में दिया था । यह कथा कितनी सत्य है इसके साक्ष्य अभी मौजूद नही है, किन्तु युद्ध मे सक्रिय था इसके प्रमाण अभी भी मौजूद है ।
नागौर किला किसके लिए प्रसिद्ध है?
नागौर किला अपनी ऊंची दीवारों और किले के छह द्वारो ओर किले में मौजूद सेनिको की आकर्षक छतरियों के कारण विश्व विख्यात है ।
नागौर का पुराना नाम क्या है?
यहाँ पर प्राचीन समय मे नागवंशी क्षत्रियों का राज था, उन्होंने ही यहाँ नाग दुर्ग का निर्माण करवाया था । तब इसका नाम अहिच्छत्रपुर पड़ गया था जो वर्तमान में नागौर के नाम से विख्यात है ।
निष्कर्ष : क्या जाना नागौर किले के विषय मे
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