कोरबा। राजपूत क्षत्रिय समाज: प्रयागराज महाकुंभ 2025 को हरित कुंभ, स्वच्छ कुंभ और स्वस्थ कुंभ बनाने का संकल्प देशभर में जोर-शोर से लिया जा रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन को प्लास्टिक मुक्त और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में विभिन्न सामाजिक संगठनों और समुदायों का योगदान लगातार बढ़ रहा है। इसी क्रम में, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से राजपूत क्षत्रिय समाज ने 251 थाली और थैले दान कर इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हरित कुंभ के लिए प्रेरणा का केंद्र बन रहा प्रयागराज महाकुंभ
प्रयागराज महाकुंभ 2025 को पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से “हरित कुंभ” के रूप में मनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मुहिम के तहत महाकुंभ में प्लास्टिक और डिस्पोजेबल सामग्रियों के उपयोग को पूरी तरह से समाप्त करने की योजना है। इसके स्थान पर पुनः उपयोग में लाए जाने वाले उत्पादों, जैसे कि स्टील की थाली और कपड़े के थैले, का प्रयोग प्रोत्साहित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से 1 लाख थाली और थैले प्रयागराज भेजने का लक्ष्य रखा गया है। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि समाज में स्थायी विकास और स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।
राजपूत समाज का महत्वपूर्ण योगदान
राजपूत क्षत्रिय समाज, जो हमेशा से सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों में सक्रिय रहा है, ने इस अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। कोरबा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजपूत समाज ने पर्यावरण संरक्षण टीम के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कैप्टन मुकेश अदलखा और विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री विजय राठौड़ को 251 थाली और थैले प्रदान किए।
इस अवसर पर राजपूत क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कहा, “हम सभी को इस पहल में अपना योगदान देना चाहिए। प्लास्टिक मुक्त कुंभ न केवल पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण का भी प्रतीक है।” महासचिव दिनेश सिंह ने कहा, “हर व्यक्ति यदि थोड़ा-सा प्रयास करे, तो यह अभियान एक बड़ी सफलता बन सकता है।”
समाज के प्रमुख सदस्यों का योगदान
इस पहल में राजपूत समाज के महासचिव दिनेश सिंह, कोषाध्यक्ष बच्चू सिंह, राज सिंह, छन्नू सिंह, मंटू सिंह, शैलेश सिंह सोमवंशी, गुलजार सिंह, नरेंद्र सिंह, सुरेंद्र बहादुर सिंह और स्मिथ सिंह का विशेष योगदान रहा। इन सभी ने न केवल कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई, बल्कि समाज के अन्य सदस्यों को भी इस अभियान में जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
हरित कुंभ में राजपूत समाज की भागीदारी को बढ़ावा
राजपूत क्षत्रिय समाज का यह कदम अन्य समुदायों और संगठनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। इस तरह के अभियानों में बढ़-चढ़कर भाग लेने से सामाजिक एकजुटता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता में वृद्धि होगी।
राजपूत समाज का संदेश
राजपूत समाज ने यह संदेश दिया है कि हमारे छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं। इस पहल ने साबित किया है कि जब समाज एकजुट होकर कार्य करता है, तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।